2025-03-28

Shah Alert

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भोपाल: वक्फ संशोधन विधेयक 2024 के खिलाफ मुस्लिम समाज का विरोध तेज हो गया है। रमजान के आखिरी जुमे पर देशभर के कई शहरों में मुस्लिमों ने काली पट्टी बांधकर नमाज अदा की। भोपाल के अरबाज मिर्जा भी बांह पर काली पट्टी बांधकर मस्जिद पहुंचे, जहां उन्होंने बिल को गलत बताते हुए विरोध जताया।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अपील पर भोपाल और नर्मदापुरम समेत कई शहरों में इस तरह का अनोखा प्रदर्शन देखा गया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार वक्फ संपत्तियों के अधिकार छीनकर मुस्लिम समुदाय को कमजोर करना चाहती है।

बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा का पलटवार – “गरीब मुसलमानों का सोचना गलत कैसे?”

इस विरोध पर हुजूर विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने तीखा जवाब दिया। उन्होंने कहा,”वक्फ की जमीन से सिर्फ कुछ खास परिवारों को फायदा नहीं मिलना चाहिए। करोड़ों मुसलमान आज भी पंक्चर बना रहे हैं, कबाड़ बेच रहे हैं, ठेले लगा रहे हैं। मोदी जी ने गरीब मुसलमानों के लिए कुछ सोचा, तो इसमें गलत क्या है?”

शर्मा ने विरोध करने वालों पर तंज कसते हुए कहा,”जिनके पेट में दर्द है, उन्हें हाजमा की गोली दी जाएगी। मुसलमानों की ईद आ रही है, मीठा खाइए, मीठा बोलिए और दूसरों के भविष्य के लिए मीठा सोचिए।”

मुस्लिम समाज का पलटवार – “हमारे धार्मिक अधिकारों में दखल बर्दाश्त नहीं”

बीजेपी विधायक के इस बयान पर मुस्लिम समाज ने भी जवाब दिया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वक्फ की संपत्तियां मुस्लिम समुदाय की धरोहर हैं और उन पर सरकार का हस्तक्षेप किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा।

विवाद के पीछे की असली वजह क्या है? वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को लेकर आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं। इस विधेयक के जरिए सरकार वक्फ बोर्ड की कई संपत्तियों का अधिकार अपने हाथ में लेने की तैयारी कर रही है। मुस्लिम संगठनों का कहना है कि यह धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला है, जबकि सरकार इसे गरीब मुसलमानों के उत्थान के लिए जरूरी सुधार बता रही है

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बैंकॉक/यंगून: शुक्रवार की सुबह म्यांमार और थाईलैंड भयानक भूकंप के झटकों से दहल उठे। अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7.7 मापी गई, जबकि कुछ समय बाद भारतीय नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने इसे 7.5 बताया। महज कुछ घंटों के भीतर दूसरा झटका 7.0 तीव्रता का आया, जिसने तबाही को और बढ़ा दिया।

बैंकॉक में ऊंची इमारतें नाव की तरह हिलने लगीं.थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में भूकंप इतना तीव्र था कि लोग दहशत में सड़कों पर निकल आए। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में ऊंची इमारतें झूलती नजर आ रही हैं। कुछ बिल्डिंगों के स्विमिंग पूल से पानी झरने की तरह बहता दिखा। ट्रेनें झूले की तरह हिलती रहीं, जिससे यात्री डरकर भागने लगे। दफ्तरों और दुकानों को तुरंत खाली करवा दिया गया।

म्यांमार में तबाही का मंजर, सागाइंग क्षेत्र बना भूकंप का केंद्र USGS के अनुसार, पहला 7.7 तीव्रता का झटका म्यांमार के सागाइंग क्षेत्र में 10 किमी गहराई पर दर्ज किया गया। सागाइंग फॉल्ट दुनिया के सबसे संवेदनशील भूकंपीय क्षेत्रों में से एक है। यहाँ इससे पहले भी कई बड़े भूकंप आ चुके हैं। 23 मई 1912 में आए 7.9 तीव्रता के भूकंप ने इस इलाके को भारी नुकसान पहुँचाया था।

बिल्डिंगें जमींदोज, चारों तरफ धुआं और मलबे का ढेरम्यांमार और थाईलैंड के कई शहरों में इमारतें ढहने लगीं। वायरल वीडियो में तीन सेकंड के भीतर एक ऊंची बिल्डिंग धराशायी होती दिख रही है। चारों तरफ मलबा और धुएं का गुबार छा गया। लोग डर के मारे चीखते-चिल्लाते अपने घरों से बाहर भागते नजर आए।

बांग्लादेश और भारत में भी महसूस हुए झटके इस विनाशकारी भूकंप के झटके भारत के बांग्लादेश और मेघालय में भी महसूस किए गए। बांग्लादेश में झटका अधिक तीव्र था, जिसकी वजह से कई जगह अफरा-तफरी मच गई। भारतीय सीस्मोलॉजी विभाग ने बताया कि मेघालय में भूकंप की तीव्रता 4.0 मापी गई।

आपातकाल घोषित, बचाव कार्य शुरू थाईलैंड में आपातकाल लागू कर दिया गया है और राहत-बचाव कार्य तेजी से शुरू हो गया है। अब तक जान-माल के नुकसान का सही आंकलन नहीं किया जा सका है, लेकिन भारी तबाही की आशंका जताई जा रही है। अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और सेना को राहत कार्यों में लगाया गया है।

भूकंप क्यों आता है? वैज्ञानिकों के मुताबिक, हमारी धरती की सतह सात बड़ी और कई छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से बनी होती है। ये प्लेट्स लगातार गतिशील रहती हैं और जब आपस में टकराती हैं, तो उनमें ऊर्जा संचित हो जाती है। जब यह ऊर्जा बाहर निकलती है, तो भूकंप आता है। म्यांमार का सागाइंग फॉल्ट अत्यधिक सक्रिय भूकंपीय क्षेत्र है, जिससे यहाँ अक्सर विनाशकारी भूकंप आते रहते हैं।

तबाही की तस्वीरें और वीडियो वायरल सोशल मीडिया पर भूकंप के खौफनाक वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं। एक वीडियो में न्यूज एंकर लाइव शो के दौरान घबरा जाते हैं, जबकि एक गेस्ट रोने लगती हैं। लोगों की घबराहट और तबाही के दृश्य देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस भूकंप ने कितनी भयावह स्थिति पैदा कर दी है।फिलहाल, दोनों देशों में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है और सरकारें नुकसान का आकलन करने में जुटी हैं।

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Daily Shah Alert 28 March 2025

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सिकंदर अली✍️
जिला ब्यूरो चीफ शाह अलर्ट न्यूज़ ✍️

मेरठ:-
ईद-उल-फितर की नमाज सड़क पर अदा करने वालों के खिलाफ इस बार पुलिस ने कड़ी कार्रवाई का निर्णय लिया है।एफआईआर के साथ-साथ आरोपितों के पासपोर्ट निरस्तीकरण की रिपोर्ट भी दी जाएगी। ताकि वह मक्का मदीना की यात्रा न कर सकें। इसलिए सभी को स्पष्ट कर दिया कि ईदगाह के सामने सड़क पर नमाज अदा न करें।


आसपास की मस्जिदों में नमाज अदा की जाए। गतवर्ष दर्ज मुकदमों में आरोपितों के पासपोर्ट निरस्तीकरण की रिपोर्ट भी पुलिस तैयार कर रही है। बता दें कि गतवर्ष सड़क पर नमाज अदा करने के बाद काफी लोग विदेश में नौकरी करने चले गए थे। कुछ लोग उमरा करने निकल गए थे।


एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने कहा कि ईद-उल-फितर की नमाज सड़क पर अदा नहीं होने दी जाएगी। उसके लिए ईदगाह स्थल पर पीएसी और आरएएफ को लगाया गया है। इसबार भी ईदगाह के अलावा फैज-ए-आम इंटर कॉलेज में भी नमाज अदा कराई जाएगी।

सभी मुस्लिमों ने पुलिस और प्रशासनिक अफसरों ने अपील की।एसपी सिटी का कहना है, कि ईदगाह के अलावा लोग अपने आसपास की मस्जिदों में नमाज अदा कर सकते है। साथ ही फैज-ए-आम इंटर कॉलेज में भी नमाज अदा होगी। वहां भी पहुंचकर लोग नमाज अदा कर सकते है।


एसएसपी ने सभी थाना प्रभारियों को दिए निर्देश


एसएसपी विपिन ताडा ने बताया कि सभी थाना प्रभारियों को स्पष्ट कर दिया कि सड़क पर नमाज अदा करने पर पूर्णतय रोक लगाएं। शासन का स्पष्ट निर्देश है कि बिना अनुमति के सार्वजनिक स्थल या सड़कों पर धार्मिक आयोजन नहीं कराया जाएगा। इसलिए सड़क पर नमाज अदा नहीं होने दी जाएगी। ईदगाह पर अतिरिक्त सुरक्षा बढ़ाने की प्लानिंग की गई है। अर्धसैनिक बल, आरएएफ और पीएसी को भी ईदगाह पर लगाया जाएगा। ड्रोन और वीडियो कैमरो से सभी की निगरानी की जाएगी।
रिपोर्टर-हसनैन गौड़ ✍️

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वक्फ बिल का विरोध तेज, AIMPLB की अपील – ‘जुमे की नमाज के दौरान काली पट्टी बांधें मुसलमान’

नई दिल्ली: वक्फ संशोधन विधेयक 2024 का विरोध अब जोर पकड़ता जा रहा है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने देशभर के मुसलमानों से अपील की है कि वे जुमातुल विदा (रमज़ान के आखिरी जुमे) पर काली पट्टी बांधकर नमाज अदा करें। AIMPLB का कहना है कि यह विधेयक मुस्लिम समाज के धार्मिक और सामाजिक अधिकारों के खिलाफ है।

समाजवादी पार्टी ने भी किया समर्थन, इक़रा हसन बोलीं – ‘आखिरी दम तक लड़ेंगे’

वहीं, समाजवादी पार्टी की नेता इक़रा हसन ने भी वक्फ बिल के विरोध में काली पट्टी बांधकर नमाज पढ़ने का ऐलान किया है। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा, “हम आखिरी दम तक लड़ेंगे, 2027 में योगी सरकार का बोरिया-बिस्तर बंध जाएगा।” समाजवादी पार्टी ने इस मुद्दे को लेकर सड़कों पर उतरने की भी बात कही है।

सरकार पर सवाल, विरोधियों का क्या कहना है?

AIMPLB और विपक्षी दलों का कहना है कि यह बिल वक्फ संपत्तियों को कमजोर करने और मुसलमानों के अधिकारों को छीनने का प्रयास है। वहीं, सरकार की दलील है कि यह संशोधन पारदर्शिता और प्रशासनिक सुधार लाने के लिए किया गया है।

क्या है वक्फ संशोधन विधेयक 2024?

यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन से जुड़ा है और इसमें कई बदलाव किए गए हैं। इसका विरोध करने वाले इसे मुस्लिम समुदाय की संपत्तियों को प्रभावित करने वाला बता रहे हैं। अब देखना होगा कि AIMPLB की इस अपील का कितना असर होता है और वक्फ बिल को लेकर विरोध कितना व्यापक रूप लेता है।

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उदयपुर: राजस्थान पुलिस ने एक बड़े सेक्स रैकेट का पर्दाफाश करते हुए 11 युवतियों और एक दलाल को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह देश के बड़े शहरों से लड़कियों को बुलाकर देह व्यापार का धंधा चला रहा था। पुलिस ने एक गोपनीय ऑपरेशन के तहत ग्राहक बनकर विला में छापा मारा और पूरे गिरोह को रंगे हाथों पकड़ लिया।

फिल्मी अंदाज में हुई छापे मारी , गिरोह को पकड़ने के लिए पुलिस ने एक जवान को नकली ग्राहक बनाकर भेजा। विला में पहुंचने पर दलाल ओमप्रकाश जैन ने उसे लड़कियों से मिलवाया और सौदा तय करने को कहा। जैसे ही पुलिसकर्मी ने डील फाइनल की, उसने अपनी टीम को इशारा दिया और पुलिस ने विला पर धावा बोल दिया।

बड़े शहरों से लाई जाती थीं लड़कियां,छापे के दौरान पुलिस को कई युवतियां अलग-अलग कमरों में मिलीं। पूछताछ में सामने आया कि इन लड़कियों को मुंबई, दिल्ली, कोलकाता और आगरा जैसे शहरों से बुलाया गया था। इनमें से कई को जबरन इस धंधे में धकेला गया था।

दलाल पर पहले भी हैं केस, बड़े नेटवर्क की आशंका मुख्य आरोपी दलाल ओमप्रकाश जैन के खिलाफ पहले भी अवैध देह व्यापार से जुड़े दो मामले दर्ज हैं। पुलिस को शक है कि यह रैकेट सिर्फ उदयपुर तक सीमित नहीं है, बल्कि अन्य शहरों तक इसका नेटवर्क फैला हो सकता है। पुलिस अब गिरोह के अन्य सदस्यों और मास्टरमाइंड तक पहुंचने के लिए आगे की जांच कर रही है।

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मीरापुर के पूर्व प्रत्याशी अरशद राणा के आवास पर भव्य रोज़ा इफ्तार का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक हस्तियों ने शिरकत की। इस आयोजन ने धार्मिक सौहार्द्र और भाईचारे का संदेश दिया, जहां हिंदू-मुस्लिम एकता की अनूठी मिसाल पेश की गई।

सियासत से परे सामाजिक एकता की तस्वीर

इस रोज़ा इफ्तार में उत्तर प्रदेश कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार, समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष प्रमोद त्यागी, AIMIM उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष नय्यर काज़मी, AIMIM के जिला अध्यक्ष मौलाना इमरान कासमी, कांग्रेस नेता नोमान मसूद (अध्यक्ष गंगोह), अपना दल के जिला अध्यक्ष विनय मित्तल, RLD के पूर्व विधायक राव वारिस, खालसा दल के प्रधान सरदार सतनाम सिंह हंसपाल, उर्दू डेवलपमेंट के अध्यक्ष कलीम त्यागी, वरिष्ठ पत्रकार गुलफाम, समाजसेवी हाजी जाहिद और हाजी सलीम समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

इसके अलावा बीजेपी से गौरव स्वरूप और मीनाक्षी स्वरूप (चेयरमैन के पति), पूर्व लोकसभा प्रत्याशी माजिद अली (सहारनपुर), मियां नसीम, विकास बालियान (संपादक, कृषि नज़र), समाजसेवी तैयब, डॉक्टर शबदर, हाजी तसलीम भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहे।

रमज़ान का महीना भाईचारे का संदेश

इस आयोजन में शामिल सभी हस्तियों ने एक सुर में सामाजिक एकता और सौहार्द्र का संदेश दिया। जब एक ओर समाज में धार्मिक तनाव को बढ़ाने की कोशिशें की जा रही हैं, वहीं दूसरी ओर अर्शद राणा जैसे लोगों के प्रयास से यह साबित हो रहा है कि भारत की गंगा-जमुनी तहज़ीब जिंदा है।

रमज़ान का यह 26वां रोज़ा सिर्फ इबादत और इफ्तार तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह आपसी मेल-मिलाप और भाईचारे की एक नई इबारत लिख गया। यह रोज़ा इफ्तार राजनीति से परे एक संदेश था कि भारत की असली ताकत उसकी एकता में है।

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वाराणसी । वाराणसी नगर निगम की कार्यकारिणी बैठक में आज 50 से अधिक मुस्लिम मोहल्लों के नाम बदलने को लेकर चर्चा होगी। बीजेपी पार्षदों ने प्रशासन को पत्र लिखकर मांग की है कि मुस्लिम नाम वाले मोहल्लों का नाम बदलकर हिंदू धर्म से जुड़े नाम रखे जाएं। संभावना जताई जा रही है कि बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है।

औरंगाबाद बनेगा परशुराम चौक?

सूत्रों के अनुसार, वाराणसी के औरंगाबाद का नाम बदलकर “परशुराम चौक” रखा जा सकता है। इसी तरह, खालिसपुर का नाम “ब्रह्मतीर्थ”, और मदनपुरा का नाम “पुष्पदंतेश्वर” करने का प्रस्ताव है। यह बदलाव पौराणिक मान्यताओं के आधार पर किया जाएगा।

हिंदू संगठनों का समर्थन हिंदूवादी संगठनों और तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने भी मुस्लिम मोहल्लों के नाम बदलने की मांग की थी। उन्होंने हाल ही में काशी हिंदू विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मुद्दे पर चर्चा करने की बात कही थी।

नाम बदलने से क्या होंगी दिक्कतें? हालांकि, नाम बदलने के बाद स्थानीय निवासियों के रिकॉर्ड अपडेट करने में दिक्कतें आ सकती हैं। रेलवे, डाक विभाग और अन्य सरकारी दस्तावेजों में बदलाव करने में महीनों का समय लग सकता है। नगर निगम की बैठक के फैसले पर अब सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। अगर प्रस्ताव पास होता है, तो वाराणसी के नक्शे में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।

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मुज़फ्फरनगर: जनपद में दहेज के लिए हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया है। थाना शाहपुर क्षेत्र की एक युवती की संदिग्ध मौत के बाद परिजनों ने ससुरालवालों पर हत्या का आरोप लगाया है।

परिजनों का हंगामा, एसपी से मिले न्याय की गुहार ,गुरुवार को मृतका के परिजन एसएसपी कार्यालय, मुज़फ्फरनगर पहुंचे और एसपी देहात आदित्य बंसल को ज्ञापन सौंपा। परिजनों ने आरोप लगाया कि 13 मार्च को उनकी बेटी की उसके ससुराल वालों ने हत्या कर दी, लेकिन पुलिस सभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं कर रही है।

पुलिस कार्रवाई पर उठे सवाल ,मृतका के पिता का कहना है कि मुकदमा तो दर्ज हुआ, लेकिन चार में से केवल दो आरोपियों की ही गिरफ्तारी हुई है। बाकी दो आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं और परिजनों को केस वापस लेने की धमकी दे रहे हैं।

क्या है मामला? मृतका के पिता ने बताया कि शादी के बाद से ही ससुराल वाले दहेज के लिए बेटी को परेशान कर रहे थे। उनकी दहेज की मांग पूरी न होने पर 13 मार्च को उसकी हत्या कर दी गई।

परिजनों की मांग ,परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए बाकी आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग की है। मामले में पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठने लगे हैं और स्थानीय लोगों में आक्रोश है।

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खतौली, मुज़फ्फरनगर: जनपद के खतौली थाना क्षेत्र में एक महिला पर अपने पति को ज़हर देकर मारने की कोशिश करने का गंभीर आरोप लगा है। पीड़ित की बहन ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराकर आरोपी पत्नी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

क्या है पूरा मामला?

थाना क्षेत्र के गांव भंगेला निवासी युवती मीनाक्षी ने पुलिस को दी गई तहरीर में बताया कि उसके भाई अनुज की शादी दो साल पहले फर्रुखाबाद निवासी सन्ना से हुई थी। मीनाक्षी का आरोप है कि शादी के बाद से ही सन्ना पूरे परिवार को प्रताड़ित कर रही थी।

मंगलवार को सन्ना ने पति अनुज को कॉफी में ज़हर मिलाकर पिला दिया, जिससे उसकी हालत अचानक बिगड़ गई।

पति की हालत गंभीर, अस्पताल में भर्ती अनुज को गंभीर हालत में मेरठ के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों के अनुसार उसकी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।पुलिस कर रही है जांच घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि शिकायत के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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