2025-04-09

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दीपक चौरसिया समेत 7 आरोपी न्यायालय में हुए पेश,उपस्थित न होने के कारण चित्रा त्रिपाठी पर लगा जुर्माना,

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दीपक चौरसिया समेत 7 आरोपी न्यायालय में हुए पेश, अनुपस्थित होने पर चित्रा त्रिपाठी पर लगा जुर्माना, पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध बेलेवल वारंट

नाबालिका के वीडियो को तोड़-मरोडकर प्रसारित करने के मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश शशि चौहान की अदालत में गत 21 जनवरी को सुनवाई हुई। जिसमें आठ में से सात आरोपी दीपक चौरसिया, अजीत अंजुम,सौताद सोहेल, अभिनव राज,ललित सिंह पेश हुए।

अदालत ने इन सभी पर विभिन्न आपराधिक धाराओं में आरोप भी तय कर दिए हैं। इस तारीख पर गवाहों की गवाही होनी थी,लेकिन आरोपी चित्रा के अदालत में उपस्थित न होने के कारण व कुछ अपरिहार्य कारणों से गवाहियां नहीं हो सकी। अदालत द्वारा आरोपी चित्रा को व्यक्तिगत रुप से अदालत में पेश न होने पर,जुर्माने के रूप में 3 हजार रुपए का भुगतान जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण को करने की शर्त पर उपस्थिति से छूट दे दी गई। तथा पालम विहार थाना के अधिकारी दीपक के विरुद्ध 10 हजार राशि के साथ बेलेवल वारंट जारी किया है।

अब अदालत इस मामले में आगामी 8 फरवरी को सुनवाई करेगी। सामाजिक संस्था जनजागरण मंच के अध्यक्ष हरिशंकर कुमार व वरिष्ठ अधिवक्ता धर्मेंद्र मिश्रा से प्राप्त जानकारी के अनुसार सुनवाई के दौरान आरोपी चित्रा को छोडक़र सभी आरोपी अदालत में पेश हुए। उनका कहना है कि अदालत ने पिछली तारीख पर आदेश दिए थे कि 14 दिसम्बर 2013 को शिकायतकर्ता द्वारा जो रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी और इस मामले को नोएडा के सैक्टर 39 पुलिस थाना में स्थानांतरित कर दिया गया था, उस रिपोर्ट को अदालत में पेश की जानी थी, लेकिन पुलिस द्वारा यह रिपोर्ट अदालत में पेश नहीं की जा सकी। जिसपर अदालत ने पुनः पुलिस को आदेश दिए हैं कि मूल शिकायत, अगली तारीख पर अदालत में पेश की जाए। धर्मेंद्र मिश्रा का कहना कि पुलिस इंस्पेक्टर जितेंद्र के विरुद्ध कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। अदालत में इंस्पेक्टर संजय, पालम विहार के अतिरिक्त एसएचओ अशोक कुमार भी पेश हुए। इंस्पेक्टर जितेंद्र ने बताया कि उन्होंने वर्तमान में पूरक चालान दायर किया है। वर्तमान मामले में मूल शिकायत उन्हें कभी प्राप्त नहीं हुई। अदालत ने सभी आरोपियों व गवाहों को आदेश दिए कि वे अगली तारीख यानि कि 8 फरवरी को मामले की सुनवाई के लिए अदालत में मौजूद रहें। अधिवक्ता का कहना है कि अदालत से आदेश की प्रति देरी से प्राप्त हुई है। गौरतलब है कि वर्ष 2013 की 2 जुलाई को पालम विहार क्षेत्र के सतीश कुमार (काल्पनिक नाम) के घर संत आसाराम बापू आए थे। बापू ने परिवार के सदस्यों सहित उनकी 10 वर्षीय भतीजी को भी
आशीर्वाद दिया था। उस समय सतीश के घर के कार्यक्रम की वीडियो आदि भी बनाई गई थी। बापू आसाराम प्रकरण के बाद टीवी चैनलों ने बनाई गई वीडियो को प्रसारित किया था। परिजनों ने आरोप लगाए थे कि उनकी व आसाराम बापू की छवि धूमिल करने के लिए वीडियो को तोड़-मरोडकर अशील व अभद्र तरीके से प्रसारित किया गया था। जिससे परिवार व मासूम बालिका को मानसिक व सामाजिक रुप से कष्ट झेलना पड़ा था। आहत होकर परिजनों ने पालम विहार पुलिस थाना में शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले की पैरवी सामाजिक संस्था जन जागरण मंच के अध्यक्ष हरी शंकर कुमार व उनकी टीम करती आ रही है।

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