हाथरस, यूपी: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के दिन यूपी के हाथरस जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। बेटी की छेड़खानी की शिकायत करने पर आरोपियों ने उसके पिता को खेत में घेरकर गोलियों से भून दिया। यह वारदात प्रदेश में महिला सुरक्षा की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है और सरकार के ‘मिशन शक्ति’ अभियान की पोल खोल रही है।
क्या है पूरा मामला?
मामला हाथरस के नोजरपुर गांव का है, जहां 8 मार्च को यह खौफनाक वारदात हुई। मृतक, जो कि एक किसान था, ने दो दिन पहले ही अपनी बेटी के साथ हुई छेड़खानी की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई थी। आरोप है कि इस शिकायत से नाराज आरोपियों ने खेत में घेरकर उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया।घटना के बाद परिवार सदमे में है और पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगा रहा है। पीड़िता का कहना है कि उन्होंने कई बार पुलिस को धमकियों की जानकारी दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
बेटी का दर्द: “पापा को मार डाला, क्योंकि उन्होंने मुझे बचाने की कोशिश की”सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें पीड़िता सड़क पर रोते हुए न्याय की गुहार लगा रही है। वीडियो में बेटी कहती दिख रही है, “मेरे पापा को मार डाला क्योंकि उन्होंने मुझे बचाने की कोशिश की। पुलिस को बताया था, लेकिन किसी ने नहीं सुना।
”विपक्ष ने साधा सरकार पर निशाना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महिला दिवस पर कानून-व्यवस्था को लेकर कड़े संदेश दिए थे, लेकिन इस घटना ने उनके दावों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विपक्ष ने सरकार को घेरते हुए कहा है कि “महिला सुरक्षा के नाम पर सिर्फ दिखावा हो रहा है, जमीनी हकीकत कुछ और है।”पत्रकार ममता त्रिपाठी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “मुखिया जी भाषण देते रह गए और हाथरस में अपराधियों ने बाप का राम नाम सत्य कर दिया।
लेकिन जनता में आक्रोश बरकरार घटना के बाद पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन जनता का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा। इलाके में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग उठ रही है।
‘मिशन शक्ति’ पर उठे सवाल यह घटना यूपी सरकार के ‘मिशन शक्ति’ अभियान पर भी सवाल खड़े कर रही है। 2020 में हाथरस गैंगरेप केस और 2021 में अमरीश शर्मा की हत्या के बाद अब यह तीसरी बड़ी वारदात है जिसने प्रदेश में महिला सुरक्षा के हालात को उजागर कर दिया है।
क्या होगा अगला कदम?
इस घटना ने प्रदेश सरकार के महिला सुरक्षा दावों को कटघरे में खड़ा कर दिया है। जनता अब सरकार से सिर्फ बयान नहीं, बल्कि ठोस कदम उठाने की मांग कर रही है।