शाह अलर्ट

बैठक में सभी वक्ताओं ने कहा कि मुनव्वर राना एक लोकप्रिय शख्सियत थे, उनकी उपस्थिति मुशायरों की सफलता की गारंटी होती थी

मुजफ्फरनगर । ऑर्गेनाइजेशन मुजफ्फरनगर द्वारा आयोजित विश्व प्रसिद्ध शायर मनवर राणा एवं उर्दू टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन के पूर्व जिला अध्यक्ष हाजी शोएब अहमद के दुखद निधन पर आईपीएस किड्स स्कूल, रहमत नगर, मुजफ्फरनगर में एक शोक सभा आयोजित की गई।

इसकी अध्यक्षता संस्था के संरक्षक डॉ. शमीमुल हसन और संचालन कलीम त्यागी ने किया। इस अवसर पर मुजफ्फरनगर की दो अन्य महत्वपूर्ण हस्तियों जिनमें डॉ. नौशाद सिद्दीकी की पत्नी और गांधी पॉलिटेक्निक के पूर्व प्राचार्य रिजवान अहमद सिद्दीकी की मृत्यु पर भी दुख व्यक्त किया गया और इन सभी लोगों के लिए मगफिरत की दुआ की गई।

उन्होंने अपने अनूठे बोल और लहजे में शायरी पेश की और दर्शकों की सराहना बटोरी। मुनव्वर राना ने अपनी शायरी में अपने अनूठे रंग और सामंजस्य और अभिव्यक्ति की अलग शैली के कारण न केवल अपनी शायरी का लोहा मनवाया, बल्कि बड़ी संख्या में अपने प्रशंसकों के दिलों पर भी राज किया।

उनके निधन को उर्दू साहित्य की एक बड़ी क्षति माना गया।इसी प्रकार उर्दू टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन मुजफ्फरनगर के सभी पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने पूर्व जिला अध्यक्ष हाजी शोएब अहमद के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि मास्टर शोएब साहब बहुत ही ईमानदार, नैतिक एवं खुशमिजाज व्यक्ति थे।

वह एक उत्कृष्ट शिक्षक थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन पढ़ने पढ़ाने और समाज सेवा करने में बिताया। वह सभी के प्रिय थे, उन्होंने कभी किसी की आलोचना नहीं की और सभी के साथ बहुत अच्छा व्यवहार किया।

उनका निधन उनके रिश्तेदारों के अलावा उनके परिवार के लिए एक बड़ी क्षति है और खासकर उर्दू शिक्षकों ने एक बेहतरीन इंसान खो दिया है। परन्तु कुदरत का नियम है अल्लाह जिसे चाहता है अपने पास बुला लेता है।

सिर्फ यादें ही बची हैं.मुज़फ्फरनगर में दो महत्वपूर्ण शख्सियतों जिनमें डॉ. नौशाद सिद्दीकी की पत्नी और श्री रिज़वान सिद्दीकी का निधन हो गया। रिज़वान अहमद सिद्दीकी ने अपना सारा जीवन धर्म की शिक्षा और सेवा में बिताया।

वे बहुत अच्छे शिक्षक भी थे।उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान युवा पीढ़ी को गुमराही के रास्ते से हटाकर मस्जिद से जोड़ने की मुहिम जारी रखी। वह काफी समय से बीमार थे। सभी ने अपनी संवेदना व्यक्त की और उनकी मगफिरत की दुआ की।

अल्लाह इन सभी सज्जनों को जन्नत अल-फ़िरदौस में ऊँचा स्थान दे और उनके परिवारों को धैर्य प्रदान करे।

शोक सभा में डॉ. शमीमुल हसन, कलीम त्यागी, तहसीन अली, मेहबूब आलम एडवोकेट, डॉ. सलीम सलमानी, डॉ. फर्रुख हसन, हाजी सलामत राही, मास्टर नदीम मलिक, मास्टर रईसुद्दीन राणा, मास्टर शहजाद अली, हाजी ओसाफ अहमद अंसारी, मास्टर मोहम्मद इरशाद सलमानी, शमीम अहमद कस्सार, बदरुज़्ज़मा खां, डॉ. रियाज सब्बाग, हाजी फसीहुद्दीन, मास्टर अल्ताफ मशाल, हाजी मुहम्मद अहमद खां, मुहम्मद आरिफ खां, गुलफाम अहमद, हाजी शकील अहमद, डा. आस मुहम्मद कुरेशी मौजूद रहे।

और दिवंगत मास्टर शोएब के बेटे मुहम्मद ओवैस, फैज़ूर रहमान, मुहम्मद सोहेल और दामाद मौजूद थे।

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