यह राष्ट्रीय अकादमी देश की पहचान में एक बहुत ही खूबसूरत एवं शानदार उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है ।
राष्ट्रीय अकादमी कस्टम अप्रत्यक्ष कर और नारकोटिक्स ( NACIN) की नई ट्रेनिंग सेंटर का उद्घाटन भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर कमल द्वारा पालसमुद्रम जिला अनंतपुर आंध्र प्रदेश में किया है।
जिसकी परिकल्पना एवं आर्किटेक्चर डिजाइन करने वाली संस्था देश की जानी-मानी आर्किटेक्चर फर्म मुरलेज (MURALAGE ) आर्किटेक्ट जिसका मुख्यालय लखनऊ में है, साथ ही नई दिल्ली, मुम्बई आदि कई मेट्रोपॉलिटन शहरों में ऑफिस खोला गया है।
जिसके मुख्य आर्किटेक्ट सविता अग्रवाल, एवं पार्टनर आर्किटेक्ट सुमित अग्रवाल, आर्किटेक्ट नमीत अग्रवाल एवं आर्किटेक्ट इरा खुल्बे अग्रवाल हैं ।
यह 50वषों से देश की सेवा में समर्पित फर्म ने निकॉन सरकारी और सरकारी प्राइवेट बड़ी-बड़ी बिल्डिंगों का डिजाइन किया है अभी चंद दिनों पहले अयोध्या में प्रभु श्री राम के मंदिर के स्वरूप को लेते हुए अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन की परिकल्पना एवं डिजाइन इसी फर्म के द्वारा किया गया है जिसका उद्घाटन भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के कर कमल के द्वारा किया गया था।
यह मुरलेज आर्किटेक्ट फर्म देश में सबसे ज्यादा मेडिकल कॉलेजों ,सुपर मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल्स, मेमोरियल बिल्डिंग और बड़े-बड़े रेजिडेंशियल बिल्डिंगों कॉम्प्लेक्सों का निर्माण करने वाली अग्रणी फर्म के रूप में जानी जाती है।
जिसको कई राज्यों एवं केंद्र सरकारों से कई महत्वपूर्ण अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। यह अकादमी बहुत ही खूबसूरत तरीके से डिजाइन किया है, जो अपने आप में देश में एकलौती बिल्डिंग के रूप में है, जिसे गृहा रेटिंग में पांचवां स्टार बिल्डिंग रेटिंग है।
इस अकादमी में अप्रत्यक्ष कर, कस्टम, नारकोटिक्स, इनकम टैक्स, ईडी और डायरेक्ट इनडायरेक्ट टैक्स के ऑफिसर्स की ट्रेनिंग के लिए संस्थान बनाया गया है । जिसका देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है। करीब 50 प्रतिशत राजस्व इन्हीं क्षेत्रों के से देश की सरकार को प्राप्त होता है ।
यह साइट आंध्र प्रदेश और बेंगलुरु हैदराबाद राजमार्ग पर 500 एकड़ भूमि पर निर्मित किया गया है । इस साइट में पर्याप्त प्राकृतिक विशेषताएं हैं। और यह पलासमुद्रम टैंक के बगल में स्थित है। इस साइड से होकर पहले पलासमुद्रम तक जाने वाली विभिन्न सुन्दर धाराएं हैं।
यह साइट अपने आप में बहुत ही खूबसूरत मनोरम जगह के रूप में जानी जाती है । इसमें विभिन्न पठारों और उच्चें पत्थरों के साथ एक खूबसूरत स्थल कृत परियोजना के लिए मास्टर प्लानिंग मुरलेज आर्किटेक्चर के द्वारा साइट पर पहले से मौजूद स्थलाकृति, प्राकृतिक एवं वनस्पति और पेड़ आज सहित विभिन्न प्राकृतिक विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए की गई है।
प्रशासनिक भवन को साइड के पहले ऊंचे ऊंचे पठार पर बनाया गया है, जहां से इसे मुख्य राजमार्ग के साथ-साथ सड़क के किनारे बिल्डिंग तक पहुंचने वाले अनेक सुंदर बिंदु से भी स्पष्ट दिखाई देता है।
यह इमारत अपने आप को तब तक प्रकट करती है जब तक सड़क से उसे बिंदु तक नहीं पहुंच जाता है। इमारत को दो पूर्ण वर्गों के बीच इस तरह से डिजाइन किया गया है, कि प्रत्येक स्थान को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सूर्य की रोशनी और वेंटीलेशन प्राप्त होता रहे।
इस इमारत को अनेक सार्वजनिक समारोहों और डिस्प्ले हाल जैसी जगहों को रखने के लिए किया गया है। बिल्डिंग के निचली मंजिलों पर और ऊपरी मंजिलों पर वरिष्ठ अधिकारियों एवं कर्मचारियों के कार्यालय बनाए गए हैं।
इस अकादमी परिसर के भीतर निचले रास्ते से आगे बढ़ते हुए हम अकादमिक परिषद में पहुंचते हैं , जिसमें एक गोलाकार मुख्य अकादमी भवन शामिल है,यहां से सभी व्याख्यान कक्ष, प्रयोगशालाएं, कंप्यूटर लैब बनाया गया है, जो दो त्रिकोण आकार के इमारत के साथ विशिष्ट रूप से एक ऐसे आकार में डिजाइन किया गया है, जिसमें सामान्य स्थान के साथ कई खूबसूरत छटा के रूप में दिखती है।
त्रिकोण के तीन कोणों पर असेंबली हाल और कार्यालयों को इस तरह से डिजाइन किया गया है, इसमें कि सीधे प्राकृतिक प्रकाश और वेंटिलेशन प्राप्त होता है । इन इमारतों को इन प्राकृतिक प्रकाश से इसकी अलग ही खूबसूरती देखने को मिल रही है।
मुख्य वृताकार भवन के रेडियल इस प्रकार संरचना किया गया है जो देखने में बहुत ही दिव्य भव्य लगती है।
यह बिल्डिंग एक ओर रेडियल पलासमुद्रम टैंक की ओर जा रहा है, जिसमें सभागार भवन और हेलीपैड की योजना बनाई गई है, और मुख्य गोलाकार शैक्षणिक भवन पलासमुद्रम टैंक पर खुलता है, ताकि झील का विशालकाय स्वरूप और विभिन्न गलियारों और शैक्षणिक भवनों के अन्य स्थानों से उपलब्ध हो सके। यहां की भूमि तमाम शैक्षणिक भवनों से जलाशय की और नीचे की ओर जाती है,और एमपी थिएटर की भी इस दूरी से दूसरे छोर पर योजना बनाई गई है।
पलसमुद्राम टैंक के किनारे विजिटिंग फैकल्टी के लिए फैकल्टी आवास और गेस्ट हाउस की योजना बनाई गई है। यह सभी इमारतें आगे से जुड़ी हुई हैं।
अकादमी में छात्रावास भवन के साथ-साथ यहां के अधिकारियों कर्मचारियों एवं ट्रेनिंग लेने वाले अधिकारियों के लिए आवासीय भवनों और खेल भवनों को बनाया गया है ,तथा उसके जाने के रास्ते मास्टर प्लानिंग स्तर पर परिसर में और नीचे जाते हुए इस परियोजना की कल्पना ज्ञान के जीवन के रूप में स्थान देने वाली सभी विभिन्न योजना के भीतर विभिन्न घटकों जैसे संस्थागत, सार्वजनिक, आवासीय स्थान को एक साथ लाने की योजना के रूप में की गई है ।
साइड के प्रवेश द्वार से लेकर साइट के नीचे की तरफ वाले हर स्थान को एक साथ देखे जा सकते हैं। यहां सभी तरीके से हरियाली एक साथ आकर लहरदार रास्ते और क्रॉस वेंटीलेशन के साथ क्रॉसिंग सड़कों के साथ ज्ञान के जीवन की तरह एक संरचना बनती है।
पलसमुद्राम टैंक के किनारे प्राकृतिक रेखा, काउंटर बिंदुओं पर जल निकायों की योजना बनाई गई है, जहां प्राकृतिक धाराएं पहले से ही बहती हैं। जिससे साइट पर सूचना और जलवायु का निर्माण होता है।
यह नई राष्ट्रीय अकादमी जो प्रत्यक्ष कर कस्टम और नारकोटिक्स विभाग के विभिन्न प्रकार के कार्यों और प्रयोजनों के लिए बनाई गई है । यह पूरा परिसर की योजना गृहा फाइव रेटिंग परियोजना के रूप में बनी है जो देश में इस प्रकार की परियोजना के लिए उपलब्ध उच्चतम रेटिंग है।