मुंबई । महाराष्ट्र में मुस्लिम कसाई बिरादरी ने केंद्र और राज्य सरकारों के सामने आरक्षण पर एक बड़ा मुद्दा उठाते हुये अपने हिंदू समकक्षों के साथ समानता की मांग की है।अब तक मुस्लिम कुरेशी समुदाय जो मुख्य रूप से कसाई समुदाय है, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के अंतर्गत आता है, जबकि उसी पेशे से आने वाला हिंदू खटीक समुदाय अनुसूचित जाति (एससी) में शामिल है।मुस्लिम समुदाय के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष हाजी अराफात शेख ने मुस्लिम कुरेशी समुदाय को ओबीसी के बजाय एससी के रूप में शामिल करने की मांग को लेकर राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करने की धमकी दी है। उन्होंने कहा,“एक समानता होनी चाहिए और एक ही श्रेणी में समान लाभ दिए जाने चाहिए।”बांद्रा के रंगशारदा सभागार में आयोजित एक सम्मेलन में श्री शेख ने मुस्लिम कुरेशी समुदाय के सामने आने वाले मुद्दों पर प्रकाश डाला। पूर्व मंत्री और मुंबई भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष आशीष शेलार भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे।श्री शेख ने कहा, “कई मुद्दे हैं, सरकार ने मुस्लिम कुरेशी समुदाय को प्रमाण पत्र प्राप्त करने और लाभ प्राप्त करने के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं की है।” उन्होंने कहा,“मुझे भाजपा के साथ होने पर गर्व है, लेकिन जब मैं अपने समुदाय की समस्याओं का समाधान नहीं कर पाता तो मुझे बहुत निराशा होती है। अगर सरकार इस मुद्दे का समाधान नहीं करती है तो हम सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होंगे और बड़े -पैमाने पर आंदोलन किया जायेगा।”उन्होंने कहा, “हम सभी मराठा समुदाय द्वारा किए जा रहे आंदोलन से अवगत हैं। हम आरक्षण और समर्थन की उनकी मांगों को लेकर बहुत सकारात्मक हैं। हालाँकि, यहाँ हम केवल श्रेणी में बदलाव की मांग कर रहे हैं।”श्री शेख के अनुसार, कसाई समुदाय, चाहे मुस्लिम (कुरैशी) हों या हिंदू (खटिक), एक ही काम करते हैं और समान पृष्ठभूमि से आते हैं। उन्होंने जानना चाहा,“लेकिन उनके बीच यह भेदभाव क्यों है।”श्री शेलार ने आश्वासन दिया कि वह इस मुद्दे को सरकार के समक्ष उठाएंगे। शिवसेना नेता अर्जुन खोतकर ने भी इस मांग का समर्थन किया।