शाह अलर्ट

कांग्रेस। कांग्रेस ने कहा है कि लाल किला पर आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडगे को पांचवीं पंक्ति में बिठाना देश के उन करोड़ों लोगों का अपमान है जिनकी आवाज वे बराबर संसद में उठाते हैं..


कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने मोदी सरकार के इस निर्णय को बेतुका बताया और कहा कि अमित शाह तथा निर्मला सीतारमण जैसे कैबिनेट मंत्री को पहली पंक्ति में बिठाया गया जबकि खडगे और गांधी को 5वीं पंक्ति में बैठने की जगह दी गई। उन्होंने इस संदर्भ में रक्षा मंत्रालय के तर्क को भी बेतुका करार दिया है.

गांधी तथा खडगे को स्वतंत्रता दिवस समारोह में प्रोटोकॉल के अनुसार जगह नहीं देने पर प्रधानमंत्री पर तीखा हमला करते हुए उन्होंने कहा कि चार जून के परिणाम के बाद भी मोदी सबक नहीं सीख रहे हैं।

उन्होंने कहा “मोदी जी, समय आ गया था कि 04 जून के बाद आप जागते और वास्तविकता को समझते लेकिन जिस अहंकार के साथ आपने स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान लोकसभा में विपक्ष के नेताओं को अंतिम पंक्ति में बिठाया उससे पता चलता है कि आपने अभी सबक नहीं सीखा है।”


कांग्रेस नेता ने कहा कि इस संबंध में रक्षा मंत्रालय का यह तर्क बेतुका है कि इस वर्ष ओलंपिक पदक विजेताओं को सम्मानित करने का निर्णय लिया गया था और उसी हिसाब से मेहमानों के बैठने की व्यवस्था की गई।


उन्होंने कहा “आश्चर्य की बात यह भी है कि शाह तथा सीतारमण को आगे की पंक्ति में बैठने की जगह मिलती है। प्रोटोकॉल के अनुसार, दोनों सदनों के विपक्ष के नेताओं को आगे की पंक्ति में बैठना चाहिए लेकिन राहुल जी और कांग्रेस अध्यक्ष की सीटें 5वीं पंक्ति में रखी गई।”
कांग्रेस ने कहा “यह सिर्फ एलओपी के पद या राहुल गांधी का अपमान नहीं था। यह भारत के उन करोड़ों लोगों का अपमान था जिनकी आवाज़ राहुल जी संसद में उठाते हैं।”


सरकार के सूत्रों ने इस संदर्भ में सफाई देते हुए यह भी बताया कि ओलंपिक पदक विजेताओं के पीछे सिर्फ गांधी ही नहीं बल्कि कुछ केंद्रीय मंत्री भी बैठे थे।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि संसद में विपक्ष का नेता होना सिर्फ संवैधानिक पद का दायित्व नहीं है बल्कि यह करोड़ों भारतीयों की आवाज भी है।

राहुल गांधी ने कहा, “यह सिर्फ एक संवैधानिक पद नहीं है – ये करोड़ों भारतीयों की आवाज़ है। विपक्ष के नेता के रूप में, मैं अपनी पहली ज़िम्मेदारी मानता हूं, भारत के गरीबों, वंचितों और पीड़ितों की तकलीफ़ें सुनना, उनकी समस्याएं जानना और उनका समाधान निकालना और फिर सड़क से लेकर संसद तक उनकी आवाज़ उठाकर सरकार पर दबाव डालते हुए इनका निदान करना है।”उन्होंने कहा,”बीते 50 दिनों में, मैंने समस्याओं से जूझ रहे कई लोगों से, समुदायों से मुलाकात की। सभी ने दिल खोल कर अपनी बातें रखीं और मैंने पूरी गंभीरता से उनकी बातें सुनी।हर समूह के मुद्दे सरकार के सामने रखे, उनका समाधान प्रस्तुत किया और अपने साथी भारतीयों को ये भरोसा दिया कि वो जो भी हैं उनकी जैसी भी मजबूरियां हों, उनकी बातें सुनी जाएगी, उन्हें व्यक्त करने का उचित प्लेटफॉर्म मिलेगा।”नेता प्रतिपक्ष ने कहा,”विपक्ष या सत्ता, जहां भी रहूंगा, आपका हूं, आपका ही रहूंगा – भारत और भारतीयों की आवाज़ बुलंद करता रहूंगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *