छतरपुर में हुए बुलडोजर एक्शन की घटना के बाद प्रियंका ने लिखा, कानून, संविधान, लोकतंत्र और मानवता का पालन सभ्य समाज में शासन की न्यूनतम शर्त है।
जो राजधर्म नहीं निभा सकता, वह न तो समाज का कल्याण कर सकता है, न ही देश का।
मध्य प्रदेश के छतरपुर में थाने पर पथराव के बाद कांग्रेस नेता की आलीशान हवेली पर बुलडोजर ऐक्शन के बाद अब इस मामले में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की भी एंट्री हो गई है।
उन्होंने इस तरह की बुलडोजर कार्रवाइयों को बर्बरता और अन्याय बताया है और कहा है कि सरकार को अपराधियों की तरह व्यवहार नहीं करना चाहिए और बुलडोजर न्याय पूरी तरह बंद होना चाहिए।
प्रियंका ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट करते हुए ऐसी सभी कार्रवाइयों को लेकर अपनी नाराजगी जताई।
हालांकि उन्होंने किसी घटना विशेष का जिक्र तो नहीं किया, लेकिन उनकी यह पोस्ट हाल ही में मध्य प्रदेश के छतरपुर में पथराव की घटना के एक आरोपी की हवेली पर हुई बुलडोजर कार्रवाई के बाद आई है, इसलिए उनकी पोस्ट को इसी घटना से जोड़कर देखा जा रहा है।
गांधी परिवार की सदस्य ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘अगर कोई किसी अपराध का आरोपी है तो उसका अपराध और उसकी सजा सिर्फ अदालत तय कर सकती है।
लेकिन आरोप लगते ही आरोपी के परिवार को सजा देना, उनके सिर से छत छीन लेना, कानून का पालन न करना, अदालत की अवहेलना करना, आरोप लगते ही आरोपी का घर ढहा देना- यह न्याय नहीं है। यह बर्बरता और अन्याय की पराकाष्ठा है।
आगे उन्होंने लिखा, ‘कानून बनाने वाले, कानून के रखवाले और कानून तोड़ने वाले में फर्क होना चाहिए। सरकारें अपराधी की तरह व्यवहार नहीं कर सकतीं। कानून, संविधान, लोकतंत्र और मानवता का पालन सभ्य समाज में शासन की न्यूनतम शर्त है।
जो राजधर्म नहीं निभा सकता, वह न तो समाज का कल्याण कर सकता है, न ही देश का। बुल्डोजर न्याय पूरी तरह अस्वीकार्य है, यह बंद होना चाहिए।’
बता दें कि मध्य प्रदेश के छतरपुर में 21 अगस्त को मुस्लिम समुदाय के सैकड़ों लोग पूर्व सदर शहजाद अली के नेतृत्व में महाराष्ट्र में पैगंबर मोहम्मद साहब पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के विरोध में ज्ञापन देने कोतवाली थाने पहुंचे थे।
इसी दौरान कुछ उपद्रवी लोगों द्वारा थाने पर पथराव कर दिया था, जिसमें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक छतरपुर और थाना प्रभारी कोतवाली सहित 10 लोग घायल हो गए थे।
इसके बाद पुलिस ने इस मामले में 48 नामजद एवं 100 से अधिक अन्य आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज करते हुए मुख्य आरोपी हाजी शहजाद अली की अवैध रूप से बनी रानी तलैया स्थिति महलनुमा आलीशान हवेली को ध्वस्त कर दिया था।