इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि मोहब्बत की दुकान पर नफरतों की गुंजाइश बिल्कुल नहीं है जिनके सामने चेहरे पर कुछ और अंदर कुछ और होता है
नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल द्वारा जारी हुए प्रेस रिलीज नोट में बताया गया है कि अनुशासनहीनता की शिकायतों और पार्टी के खिलाफ बार-बार बयानबाजी को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आचार्य प्रमोद कृष्णम को तत्काल प्रभाव से छह साल के लिए पार्टी से बर्खास्त करने के उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रस्ताव को मंजूरी दी है.
काफी चर्चाओं के बाद आखिर ब्रेक लगी गया क्योंकि लगातार आचार्य जी की खबरें काफी सुर्खियां बटोर रही थी l
वहीं राज्य सभा सांसद राष्ट्रीय अल्पसंख्यक अध्यक्ष इमरान प्रतापगढ़ी का कहना है
काँटे गुल कि साथ नहीं चल सकते !
बुज़दिल खुलके साथ नहीं चल सकते !
जिसे जाना है उसे जाने दो सब राहुल के साथ नहीं चल सकते !
कि जो लोग नफरत के बाजार में अपनी नफरतों को जाहिर कर रहे हैं मोहब्बत की दुकान पर नफरतों की गुंजाइश बिल्कुल नहीं है जिनके सामने चेहरे पर कुछ और अंदर कुछ और होता है
ऐसे नफरत वाले लोगों को सबक लेना चाहिए कांग्रेस सिर्फ मोहब्बत की बात करती है और नफरत की जो दुकान उसको बंद करने का जो कार्य लगातार हमारे नेता राहुल गांधी सड़कों पर रहकर कर रहे हैं वह सभी देशवासियों के सामने हैं इसलिए जिनकी मानसिकता आगे कुछ और पीछे कुछ है
ऐसे ऐसे लोगों को कांग्रेस बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करती और लगातार मोहब्बत का जो पैगाम है वह देने का कार्य कर रही है वहीं उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक प्रभारी शाकिर अली ने बताया कि जिस तरीके से प्रमोद आचार्य के लगातार तेवर नजर आ रहे थे उनसे साथ जग जाहिर था कि कहीं ना कहीं कुछ ना कुछ अंदरुनी जो उनकी विचारधारा है वह बादल चुकी है इसी वजह से आज प्रमोद आचार्य को पार्टी से 6 साल के लिए बाहर कर दिया गया है
और लगातार नफरतें मानसिकता पैदा होगी उनके लिए कांग्रेस का यही आदेश सामने आएगा कि उनको पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने का कार्य किया जाएगा क्योंकि जिस तरीके से प्रमोद आचार्य लगातार कांग्रेस की सोच से अलग अपनी सोच को रख रहे थे और लगातार कटाक्ष वाली भाषा का प्रयोग कर रहे थे उससे साफ जग जाहिर था के कहीं ना कहीं नफरत की सोच को बढ़ावा दिया जा रहा है
और मोहब्बत से नफरत की जा रही है इन गतिविधियों को ही देखते हुए आज आला हाई कमान का जो फैसला है वह बहुत ही सोच समझ कर लिया गया है क्योंकि जो खुद को ना बदले उससे पहले उसके लिए अपनी सोच को बदलना जरूरी होता है ऐसे ही कांग्रेस ने कदम उठाते हुए आज प्रमोद आचार्य को जो पार्टी से बाहर का रास्ता 6 साल के लिए दिखाने का कार्य किया है
वह काबिले तारीफ है पिछले दिनों उन्होंने कल्कि धाम के कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत भारतीय जनता पार्टी के तमाम बड़े नेताओं को आमंत्रित भी किया था. प्रमोद कृष्णम अलग-अलग समय पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयानों से इतर भी बयान देते हुए नजर आते हैं.
इसके अलावा वह पार्टी लाइन से हटकर भी बयान देते हैं.बीजेपी में शामिल हो सकते हैं आचार्य आचार्य प्रमोद कृष्णम?आचार्य प्रमोद कृष्णम साल 2019 में लखनऊ लोकसभा सीट से राजनाथ सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं. आचार्य प्रमोद कृष्णम इस बार भी लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे.
वह लखनऊ के अलावा संभल से भी चुनाव लड़ने की कोशिश में थे, लेकिन मौजूदा इंडिया गठबंधन में समाजवादी पार्टी ने संभल और लखनऊ की लोकसभा सीट पर अपना एक-एक प्रत्याशी उतार चुकी है. इस वजह से भी वह पार्टी से नाराज दिखाई पड़ रहे थे.
उम्मीद जताई जा रही है कि प्रमोद कृष्णम आने वाले दिनों में भारतीय जनता पार्टी से जुड़ सकते हैं और बीजेपी आगामी लोकसभा चुनाव में किसी सीट से प्रत्याशी बना सकती है.