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बागपत । उत्तर प्रदेश में बागपत जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने सोमवार सुबह मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय का औचक निरीक्षण किया, जिसमें सीएमओ समेत 41 अधिकारी और कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि डीएम के निरीक्षण के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर महावीर सिंह सहित 12 डॉक्टर भी अनुपस्थित मिले। जिसमें डॉक्टर दीपा सिंह, डॉक्टर मुरली मनोहर भदोरिया ,डॉक्टर गजेंद्र ,डॉक्टर यशवीर, डॉक्टर मुकेश, डॉक्टर अजेंद्र मलिक, डॉक्टर रॉबिन चौधरी ,डॉक्टर सुमित कुमार, डॉक्टर पारुल कुमार व जिला मलेरिया अधिकारी सावित्री कुमारी शामिल है।


उन्होने बताया कि सभी 12 चिकित्सकों के साथ-साथ एनएचएएम के 37 कर्मचारियों में से 18 कर्मचारी अनुपस्थित मिले, जबकि आउटसोर्सिंग के 18 कर्मचारियों में से 11 कर्मचारी अनुपस्थित मिले। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में तैनात 67 कार्मिकों में से 41 कार्मिक अनुपस्थित पाए गए, जबकि खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग में आठ कार्मिकों में से पांच कार्मिक अनुपस्थित पाए गए। इनमे रमेश, अंकिता, नेहा चौधरी, निशांत बंसल आदि शामिल है। जिलाधिकारी ने निरीक्षण में कुल 46 कार्मिकों को अनुपस्थित पाए जाने पर उनका एक दिन का वेतन रोकने के निर्देश दिए।


उन्होंने कहा शासकीय कार्य के प्रति यह घोर लापरवाही है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय परिसर में मुख्य चिकित्सा अधिकारी का सुपरविजन ठीक नहीं है। सीएमओ भी स्वयं कार्यालय में समय से नहीं पहुंच पा रहे हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में प्रत्येक सोमवार को दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाए जाते हैं जो शासन की प्राथमिकताओं में से एक महत्वपूर्ण कार्य है। इसके बावजूद सोमवार का दिन होते हुए भी दिव्यांग प्रमाणपत्र बनाने वाली टीम भी अनुपस्थित मिली। उन्होंने कहा कि यह घोर लापरवाही व कार्य के प्रति उदासीनता है। उन्होंने अनुपस्थित सभी डाक्टर व कर्मचारियों का एक दिन का वेतन रोकने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कार्यालय का समय-समय पर औचक निरीक्षण किया जाएगा।

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