मैं हरियाणा के उन युवाओं से मिला जो ‘डंकी’ जैसे खतरनाक रास्ते से अमेरिका गए। फिर करनाल में, मैंने उनके परिवारों से मुलाकात की : राहुल गांधी
युवाओं के संघर्षों की कहानियां सुनकर और बच्चों के साथ उनके माता-पिता को रोते हुए देख कर, मैं अंदर तक हिल गया: राहुल गांधी
- पिछले 10 वर्षों में भारत से अमेरिका के लिए प्रवास 60 गुना क्यों बढ़ा?
- युवा 35 लाख का क़र्ज़ लेकर व्यवसाय करने के बजाय ‘डंकी’ जैसे रास्ते लेकर अपने जीवन को खतरे में क्यों डाल रहे हैं?
- हज़ारों ग्रेजुएट और पोस्ट-ग्रेजुएट सफाई कर्मचारी जैसी नौकरियों के लिए आवेदन क्यों कर रहे हैं?
- लोगों को अपने परिवार के साथ रहने और जीविका कमाने के बीच चुनाव क्यों करना पड़ता है?
पिछले एक दशक में, पूरे देश में रोज़गार की कमी युवाओं से उनकी उम्मीदें छीन कर, उन्हें खतरनाक रास्तों पर ले जा रही है। कोई भी अपनी धरती, अपने परिवार को छोड़ना नहीं चाहता, लेकिन भाजपा की नीतियों ने उन्हें इस मजबूरी में धकेल दिया है: राहुल गांधी
हरियाणा में अवसरों की कोई कमी नहीं है। आओ, मिलकर यहीं रोज़गार के नए रास्ते खोजें, अपने गांव, अपने हरियाणा को आगे बढ़ाएं: राहुल गांधी
और, हम इसकी शुरुआत 2 लाख सरकारी नौकरियों की गारंटी के साथ करने जा रहे हैं : राहुल गांधी
अब हाथ बदलेगा हालात : राहुल गांधी