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नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ चुनाव 2025 के नतीजों में वामपंथी गठबंधन (आईसा-डीएसएफ) ने अपना दबदबा कायम रखते हुए अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और महासचिव पद पर जीत हासिल की है। वहीं, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने संयुक्त सचिव पद पर शानदार जीत दर्ज की है। नतीजों के मुताबिक, अध्यक्ष पद पर आईसा-डीएसएफ गठबंधन के उम्मीदवार नीतीश कुमार ने जीत हासिल की, जबकि एबीवीपी की शिखा स्वराज दूसरे स्थान पर रहीं।

उपाध्यक्ष पद पर भी आईसा-डीएसएफ गठबंधन की उम्मीदवार मनीषा विजयी रहीं। महासचिव के पद पर मुंतेहा फातिमा ने जीत दर्ज कर वामपंथी गठबंधन का दबदबा और मजबूत किया। दूसरी ओर, संयुक्त सचिव पद पर एबीवीपी के वैभव मीणा ने जीत हासिल कर वामपंथी संगठनों को कड़ी चुनौती दी है। एबीवीपी ने इसे जेएनयू छात्र संघ चुनाव में ‘ऐतिहासिक जीत’ करार दिया है।

वैभव मीणा मूल रूप से राजस्थान के करौली जिले से हैं। वह एक जनजातीय किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर से स्नातक और काशी हिंदू विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की है। वर्तमान में वैभव जेएनयू के भारतीय भाषा केंद्र में हिंदी साहित्य विषय में शोध कर रहे हैं और उन्हें हिंदी साहित्य में जूनियर रिसर्च फेलोशिप (JRF) भी प्राप्त है।

काउंसलर पदों की बात करें तो एबीवीपी ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए कुल 42 में से 24 सीटों पर जीत हासिल की है। स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग की सभी चारों सीटों पर, स्कूल ऑफ संस्कृत एंड इंडिक स्टडीज की सभी तीनों सीटों पर और अमलगमेटेड सेंटर की दोनों सीटों पर एबीवीपी ने कब्जा जमाया है। इसके अलावा, स्कूल ऑफ सोशल साइंस, स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज, स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी, स्कूल ऑफ कम्प्यूटेशनल एंड इंटीग्रेटिव साइंस, स्कूल ऑफ कंप्यूटर एंड सिस्टम साइंस और स्पेशल सेंटर फॉर नैनोसाइंस में भी एबीवीपी ने अहम सीटें जीती हैं।

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