अहमदाबाद। कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में बुधवार को ‘न्यायपथ प्रस्ताव’ ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। यह प्रस्ताव कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने रखा और वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने अनुमोदन किया। प्रस्ताव में समानता, सामाजिक न्याय, और भाजपा की कथित विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ कांग्रेस की प्रतिबद्धता को दोहराया गया।
बनासकांठा से सांसद गेनीबेन ठाकोर ने चर्चा की शुरुआत की और कहा कि कांग्रेस देश को जोड़ने की विचारधारा पर अडिग है। राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि कांग्रेस देश की एकता की रक्षक है, जबकि भाजपा नफरत फैलाकर समाज को बांट रही है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाया, वहीं कन्हैया कुमार ने कहा कि कांग्रेस का हर कार्यकर्ता संविधान का सेनानी है।
देशभर से आए नेताओं ने भाजपा पर हमला बोला और कहा कि कांग्रेस ही एकमात्र पार्टी है जो लोकतंत्र और समानता की रक्षा कर सकती है। जिग्नेश मेवानी ने कहा कि “गांधी के गुजरात में अब झूठ का प्रयोग हो रहा है।” वहीं, परेश धनानी ने 2027 तक बदलाव की उम्मीद जताई।
अधिवेशन में दलित, अल्पसंख्यक, महिलाओं और युवाओं को समान अवसर देने की बात कही गई। रेहाना, आलोक मिश्रा, महेश परमार, भूपेंद्र, डॉ. रज़ाक, बाला गुप्ता, पद्माकर पुरी, राजेंद्र गौतम, रोज़ी जॉन, उदित राज, चरणजीत, जूली राम, उदय भानु चिब, और हरीश धामी सहित दर्जनों नेताओं ने अपने विचार रखे।
कांग्रेस का संदेश साफ था—न्याय, समानता और देश को जोड़ने की राजनीति ही भविष्य का रास्ता है।