शाह अलर्ट

मुजफ्फरनगर। पति-पत्नी के बीच श्रद्धा, प्रेम और समर्पण का त्योहार करवाचौथ बुधवार को देश के विभिन्न हिस्सों में उत्साह के साथ मनाया गया। इस दौरान बाजारों और मंदिरों में विशेष गहमागहमी देखी गयी और सुहागनों ने पति की दीर्घायु की कामना के लिए निर्जल उपवास रखा।
इस त्योहार में व्रती महिलायें रात में चंद्रोदय के बाद चांद और पति का दीदार कर करवे (विशेष पात्र) से अर्घ्य देती हैं और उपवास तोड़ती हैं। इस अवसर पर पुरुष अपनी ओर से पत्नी को सुंदर उपहार भेंट करते हैं।
बदलते समय में गत कई वर्षों से देश भर में बड़ी संख्या में पुरुषों ने पत्नियों की दीर्घायु, आरोग्यता एवं परिवार के मंगल के लिए पत्नी की भाँति करवा चौथ पर उपवास रखना शुरू कर दिया है।
सोशल मीडिया पर दिन भर करवाचौथ की चर्चा छायी रही। केन्द्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने राजधानी के ग्रेटर कैलाश में व्यापारी कल्याण समिति की ओर से आयोजित करवाचौथ समारोह में शामिल हुईं और उन्होंने एक्स पर इसके चित्र पोस्ट किये। उन्होंने कहा सब बहनों को करवाचौथ की बधाई।
डॉ रिचा राजपूत नाम की एक उपयोगकर्ता ने एक्स पर ‘एक करवाचौथ इनका भी’ शीर्षक पोस्ट में एक सार्वजनिक स्थान पर ड्यूटी दे रही महिला पुलिस कर्मियों की एक फोटो साझा की जिसमें सड़क किनारे ईंट पर बैठी एक महिला पुलिसकर्मी कुर्सी पर बैठी साथी पुलिसकर्मी को मेंहदी लगा रही है।
भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने पत्नी के साथ करवाचौथ की फोटो डाली और एक शेर लिखा।
इस त्योहार के लिये महिलाओं ने कई दिन पहले से खरीदारी शुरू कर दी थी। अधिकतर महिलायें करवाचौथ पर पूजा के लिए तैयार होने से पहले ब्यूटी पार्लर जाती हैं और मेंहदी लगवाती हैं।
करवाचौथ महिलाओं की खरीदारी बढ़ जाती है और श्रंगार सहित तमाम सामानों की खूब बिक्री होती है।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुषमा स्वराज की पुत्री बांसुरी स्वराज ने अपनी मां की तस्वीर के साथ करवाचौथ की मंगल कामना पोस्ट की।
दिल्ली, काशी, लखनऊ ,चंडीगढ़ और कई अन्य शहरों में कई सामाजिक संगठनों ने करवाचौथ पर विशेष समारोह आयोजित किये थे।
खुदरा व्यापारियों के संगठन कैट का अनुमान है कि इस बार करवाचौथ पर देश भर में 15 हजार करोड़ रुपये से ज़्यादा
का कारोबार हुआ, जो अब तक का करवा चौथ के पर्व से जुड़े कारोबार का एक नया रिकॉर्ड है।
करवा चौथ के दिन से ही दिवाली के त्योहारों के सीजन की गहमागहमी बाज़ारों में शुरू हो जाती। इसी श्रृंखला में पांच नवम्बर को अहोई अष्टमी, 10 नवम्बर को धनतेरस, 12 नवंबर को दिवाली, 13 नवम्बर को गोवर्धन पूजा, 15 नवम्बर को भाई दूज, 17 नवम्बर को छठ पूजा तथा 23 नवम्बर को तुलसी विवाह के साथ त्योहारों का यह सीजन समाप्त हो जायेगा।

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