मुजफ्फरनगर। विद्यालय की प्रधानाचार्य धारा रतन जी एवं डायरेक्टर विश्व रतन ने सभी छात्रों को एवं अध्यापकों को राम के गुणों के बारे में बताया और अपने आराध्य देव को पूजने के लिए प्रोत्साहित किया।
सभी छात्रों को बताया गया कि ईश्वर एक है, चाहे धर्म अलग-अलग हैं, भाषाएं अलग हैं, पहनावा अलग है, देश अलग है लेकिन ईश्वर एक है और ईश्वर के अनेक रूप होते हैं। सभी अपने-अपने अनुसार ईश्वर की पूजा अर्चना करते हैं इसलिए हमें अपने सांप्रदायिक भेदभाव को भूलकर एक साथ ईश्वर की भक्ति में लीन होना चाहिए।
विद्यालय की छात्राओं में वैदेही, उरूब जहरा , मान्या एवम वृंदा ने रामचंद्र जी से संबंधित गायकी से सभी को अपनी ओर आकर्षित किया। दर्शकों के रूप में छात्र और अध्यापकों ने प्रस्तुति करने वाले छात्रों का उत्साहवर्धन किया।
अंत में विद्यालय की प्रधानाचार्या जी ने सभी विद्यार्थियों को बताया कि भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है क्योंकि उन्होंने कभी भी कहीं भी जीवन में मर्यादा का उल्लंघन नहीं किया। माता पिता और गुरु की आज्ञा का पालन करते हुए अपने सभी कर्तव्य निभाएं।
भगवान राम के विचारों को अपनाने से व्यक्ति हर परेशानी से छुटकारा पा लेता है।इसलिये हमें भी सदैव अपने गुरु का आदर करना चाहिए ,माता पिता की सेवा करनी चाहिए व राम के आदर्शों को अपने जीवन में पूर्ण रूप से उतारने का प्रयास करना चाहिएइसलिये हमें भी सदैव अपने गुरु का आदर करना चाहिए ,माता पिता की सेवा करनी चाहिए राम के आदर्शों को अपने जीवन में पूर्ण रूप से उतारने का प्रयास करना चाहिए।