शाह अलर्ट

चंडीगढ़ । हरियाणा पुलिस ने राज्य के डिजिटल परिदृश्य को सुरक्षित बनाने के लिये अथक प्रयास किये हैं, जिसमें तक़रीबन 4,11,299 लोगों की साइबर फ्रॉड संबंधित शिकायतों को वर्ष भर 24 घंटे उपलब्ध साइबर हेल्पलाइन टीम द्वारा सुना गया। गत वर्ष में साइबर नोडल टीम और जिले के सामूहिक प्रयासों से साइबर अपराधियों द्वारा ठगे गए आम जनता के 76.85 करोड़ रुपये बचाने में सफलता प्राप्त की गई।


पुलिस प्रवक्ता ने मंगलवार को बताया कि वर्ष भर के प्रदेश पुलिस के प्रयासों से 1903 साइबर ठगों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुँचाने में सफलता हासिल की गई है। पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने साइबर नोडल टीम और जिला यूनिट को वर्ष भर के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं दी और उन्हें भविष्य में भी इसी तत्परता से कार्य करने के लिए प्रेरित किया।
प्रदेश पुलिस ने साइबर ठगी को रोकने के लिए नयी पहल शुरू की है, जिसमें अभूतपूर्व सफलता मिली है। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर और एडीजीपी साइबर ओ पी सिंह के दिशा- निर्देशों से प्रदेश पुलिस और बैंकिंग क्षेत्र के एकीकरण पर कार्य किया गया, जिसके कारण बैंकों द्वारा अपने प्रतिनिधि, पंचकूला में स्थित 1930 साइबर हेल्पलाइन में नियुक्त किए गए। वर्तमान में एचडीएफसी बैंक और पंजाब नेशनल बैंक के प्रतिनिधि नियुक्त किए जा चुके हैं और अन्य बैंकों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए काम किया जा रहा है। देश में अपनी तरह के इस अनूठे प्रयोग से साइबर अपराध होने की स्थिति में रिस्पांस टाइम घटाया गया और आमजन की मेहनत की कमाई बचाई गई। इसी दिषा में एक कदम और बढ़ाते हुए साइबर अपराध संबधी मामलों में तत्परता से कार्रवाई करने के लिए हैल्पलाइन नंबर 1930 को हरियाणा-112 से इंटीग्रेट किया गया है।


उन्होंने बताया कि साइबर हेल्पलाइन टीम में वर्तमान में 70 साइबर प्रशिक्षित पुलिसकर्मियों की टीम कार्य कर रही है जिन्होंने पिछले वर्ष में 4,11,534 कॉल का जवाब दिया। विभिन्न शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए 2,587 मामले तथा 1,13,801 शिकायतें दर्ज की गईं जिन पर साइबर नोडल थाने व अन्य जिलों के थानों ने कड़ी कार्रवाई करते हुए 1903 साइबर ठग गिरफ्तार किए। इसके अलावा, प्रदेश पुलिस ने स्वतः संज्ञान लेते हुए 84 मामले खुद दर्ज किए और 424 उच्च-मूल्य वाले मामलों जिनमें ठगी की रकम 5 लाख रुपये से अधिक थी, पर कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए।


प्रदेश पुलिस ने अपराध के बदलते तकनीकी पक्ष को समझते हुए, साइबर अपराध जांच और साइबर फोरेंसिक में 3,142 पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जिनमें 1,389 ऑनलाइन और 1,753 को ऑफलाइन ट्रेनिंग दी गई। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय साइबर अपराध प्रशिक्षण केंद्र (एनसीटीसी) के माध्यम से चल रहे प्रशिक्षण में प्रदेश पुलिस के अतिरिक्त 1,947 जांच अधिकारी साइट्रेन पोर्टल के माध्यम से अपने कौशल को बढ़ा रहे हैं।


मेवात क्षेत्र में एआई की मदद से 4,96,562 मोबाइल नंबर किए गए ब्लॉक, एनसीआरपी पोर्टल से 62,242 साइबर ठगों के नंबर ब्लॉक – एडीजीपी साइबर।’


वर्तमान में एडीजीपी साइबर की ज़िम्मेदारी संभाल रहे ओ पी सिंह ने बताया कि प्रदेश पुलिस ने खुद को तकनीकी तौर पर विकसित कर लिया है। एआई-आधारित धोखाधड़ी करने वालों की पहचान वाले सॉफ्टवेयर ‘अस्त्र‘ की सहायता से प्रदेश के साइबर अपराध के संवेदनशील क्षेत्र मेवात में 4,96,562 मोबाइल नंबरों को पहचान की गई। प्रदेश पुलिस ने साइबर धोखेबाजों के मोबाइल नंबरों को सक्रिय रूप से ब्लॉक करने के लिए एआई समाधान तलाशने के लिए एक प्रमुख दूरसंचार कंपनी के साथ सांझेदारी की है। इस एआई की तकनीक से पता लगाया कि कैसे एक ही व्यक्ति की अलग अलग आईडी बनाकर नंबर हासिल किए गए है जिनका उपयोग साइबर ठगी में किया गया है। उन सभी संदिग्ध नंबरों को ब्लॉक किया गया है। इसके अलावा, साइबर नोडल टीम ने विभिन्न शिकायतों में मिले साइबर ठगों के 62,242 नंबरों को राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल के माध्यम से ब्लॉक कर दिया है। उन्होंने बताया कि जालसाज़ों के 1,36,347 बैंक खाते फ्रीज करवाए गए जो कि अपने आप में प्रदेश पुलिस की बेहतरीन कार्यप्रणाली को दर्शाता है।


प्रदेश पुलिस ने आमजन के साथ सामुदायिक भागीदारी और आउटरीच की आवश्यकता को समझते हुए वर्ष भर साइबर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया। व्यापक जनसंपर्क कार्यक्रमों का प्रदेश पुलिस द्वारा माह के प्रथम बुधवार को आयोजन किया गया। प्रदेश पुलिस ने वर्ष भर 3,971 जनसंपर्क कार्यक्रम आयोजित किए जिससे 21 लाख से अधिक लोगों तक पहुंचते हुए उन्हें साइबर अपराध से बचाव उपायों के बारे में जागरूक किया गया। उन्हें साइबर ठगी होने पर क्या करना है और कैसे 1930 पर संपर्क करना है, इसके बारे में बताया गया। इसके अतिरिक्त साइबर अपराध से निपटने में सामुदायिक भागीदारी को बढ़ाते हुए, हरियाणा पुलिस के साथ 854 स्वयंसेवकों को पंजीकृत किया गया।

प्रदेश पुलिस के जागरूकता कार्यक्रमों पर 5,137 समाचार रिपोर्ट जारी की गई और 13,011 सोशल मीडिया संदेश प्रसारित किए। वहीं सोशल मीडिया द्वारा प्रदेश पुलिस 7,65,704 लोगों तक पहुंची।

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