गरीब से गरीब व्यक्ति को भी उचित अवसर मिले और कामगार और उद्यमी युवा व्यवसायी बन नए रोज़गार पैदा करे-: राहुल गांधी
मेने उनसे पूछा कि क्या कभी उन्होंने अपनी खुद की नाव खरीदने की नहीं सोची? सुन कर अफसोस हुआ कि 10 वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद भी खुद की नाव खरीदने की सोच भी उनसे कोसों दूर है। इनकी कहानी हमें सोचने पर मजबूर करती है कि एक कामगार आखिर मालिक बनने का सपना क्यों नहीं देख पाता-: राहुल गांधी
आखिर ये व्यवस्था कमज़ोर का हाथ मज़बूत करने की जगह उसे पीछे क्यों धकेलती है? हम सबको मिलकर एक ऐसी व्यवस्था बनानी होगी जहां हर वर्ग की आंखों में सपने पलें, गरीब से गरीब व्यक्ति को भी उचित अवसर मिले और कामगार और उद्यमी युवा व्यवसायी बन नए रोज़गार पैदा करे-: राहुल गांधी
हमें दीपक और प्रताप जैसे करोड़ों युवाओं की आकांक्षाओं के साथ न्याय करना होगा, एक ऐसी व्यवस्था को जन्म देकर जो पिछड़ गए लोगों को दबाए नहीं, बल्कि उनकी ताकत बन उन्हें ऊपर उठाए -: राहुल गांधी