नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत हंगामेदार रही। संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण के दौरान लोकसभा में AIMIM चीफ और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की कार्यप्रणाली और ऐतिहासिक धरोहरों की सुरक्षा को लेकर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने ASI में खाली पड़े पदों और ताजमहल की जर्जर स्थिति का मुद्दा उठाते हुए कहा कि देश की ऐतिहासिक इमारतें बदहाल होती जा रही हैं, लेकिन सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही।
ओवैसी का आरोप – ASI हिंदुत्व विचारधारा की कठपुतली बन गया
ओवैसी ने ASI पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, “ASI को संविधान के मुताबिक़ काम करना चाहिए, लेकिन अब यह हिंदुत्व विचारधारा की कठपुतली बन चुका है।” उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि इतने महत्वपूर्ण विभाग में स्टाफ की भारी कमी क्यों है और खाली पदों को भरा क्यों नहीं जा रहा।
ताजमहल में दरारों पर जताई चिंता
ओवैसी ने ताजमहल की हालत को लेकर सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा, “ताजमहल में दरारें आ रही हैं, पानी का रिसाव हो रहा है, लेकिन सरकार इस ऐतिहासिक धरोहर की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं दिख रही।”
सरकार की सफाई – ASI कर रहा है काम
पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ओवैसी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ASI पूरी गंभीरता से अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है और ऐतिहासिक धरोहरों की देखभाल की जा रही है। उन्होंने माना कि ASI में स्टाफ की कमी है, लेकिन इसे जल्द पूरा किया जाएगा। मंत्री ने बताया कि ASI में 8750 पद खाली हैं, जिनमें से 3203 पद UPSC और SSC के माध्यम से भरे जाएंगे।
सरकार की इस सफाई के बावजूद विपक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश की। संसद में इस पर आगे भी बहस जारी रहने की संभावना है।