अल्लाह और उसके रसूल के फरमानों को अपनी जिंदगी में अमली नमूना पेश करना चाहिए। सच बोलना यतिमो बेसहारों की मदद करना पड़ोसी के हक अदा करना पड़ोसी चाहे किसी भी मजहब बिरादरी से ताल्लुक रखता हो मुसलमान से किसी भी गैर मजहब के लोगो को किसी भी प्रकार से इज़ा/ तकलीफ न पहुंचे।इस्लाम मजहब इंसानियत भाईचारा प्रेम सौहार्द अमन शांति का पैगाम देता है।
उक्त उदगार हजरत मौलाना मुफ्ती ताहिर साहब ने मदरसा मिफ्ता उल उलूम में आयोजित बुखारी शरीफ वार्षिक उत्सव में हजारों लोगों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
कस्बा जलालाबाद में विश्व प्रसिद्ध शिक्षण संस्था मदरसा मिफ्ता उल उलूम में एक दिवसीय वार्षिक कार्यक्रम बुखारी शरीफ का आयोजन किया गया जिसमे देश के विभिन्न राज्यों एवम क्षेत्र से आए पुरुष एवम महिलाए हजारों की संख्या में दुआ में शामिल रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ कारी मो इनाम ने कुरान की तिलावत से हुआ।
कार्यक्रम का संचालन मौलवी अय्यूब मौलाना शोएब मिफ्ताही ने संयुक्त रूप में किया।
मदरसे का तराना उवैस तपराना मो सलमान बसी ने बहुत ही सुरीली आवाज में पढ़ा।
इस अवसर पर मदरसे में पढ़ने वाले तुलबाओ/ छात्रों जिन्होंने विभिन्न विषयों जैसे इफता/ मुफ्ती का कोर्स दौरा हदीस शरीफ़, हाफिज मौलवी की उपाधियों से अलंकृत किया गया।
इस वर्ष इफ्ता के 24 दौरा हदीस शरीफ़ 50 एवम हाफिज 8 छात्रों को सनद से नवाजा गया।
बुखारी शरीफ के कार्यक्रम में हजारों लोगों से खिताब करते हुए हुए मुफ्ती ताहिर हुसैन हरसोल्वी ने कहा कि मौजूदा वक्त में दीनी और दुनियावी तालीम हासिल करे इल्म हासिल करने का मकसद अपने अंदर छुपी हुई कमियों को दूर करना है।तब ही हम नेक इंसान बन सकते है ।अल्लाह और उसके रसूल के फरमानों को अपनी जिंदगी में अमली नमूना पेश करने की अहम जरूरत है।
जिंदगी और आखिरत में कामयाबी हासिल करने का वाहिद रास्ता कुरान की तालिमात और सुन्नत पर अमल पैरा होना बेहद जरूरी है।
उन्होंने कहा जिस तरह नमाज़ रोज़ा हज जकात खुदा के नजदीक पहुंचने की बेहतरीन इबादत है इसी तरह हमेशा सच बोलना इंसाफ पर डटे रहना मजलूमों यतिमो बेसहारों की मदद करना पड़ोसी के हक अदा करना चाहे वह किसी भी मजहब से ताल्लुक रखता हो,मुसलमान को मुसलमान से या मुसलमान से किसी भी गैर मजहब के लोगो को किसी भी प्रकार की इज़ाअ / तकलीफ न पहुंचे।
हजरत मुफ्ती ताहिर हुसैन हरसोल्वी ने कहा कि पैगंबर ए इस्लाम मो सल0 ने फरमाया की जब तुम दीन से हट जाओगे तो परेशानियां तुम्हारा साया बनकर साथ साथ रहेगी।और तुम पर तरह तरह के अजाबो में मुबतला कर दिए जाओगे।
जिंदगी और आखिरत में कामयाबी का वाहिद रास्ता कुरान की तालीम और सुन्नत ए रसूल को अपनी जिंदगी में अमली नमूना पेश करने से ही हासिल हो सकती है।
उन्होंने कहा खुदा ने कुरान शरीफ आलम ए इंसान की रहनुमाई के लिए उतारा है।इस्लाम मजहब इंसानियत भाईचारा प्रेम सौहार्द अमन शांति का पैगाम देता है।
इस मौके पर मदरसा मिफ्ता उल उलूम के मोहतमिम/ प्रबंधक कारी वली उल्लाह खान शेरवानी, ने अपने खिताब में फरमाया कि ये कदीमी मदरसा बड़े बुजुर्गो की मेहनत लगन का बनाया हुआ है जिसमे देश के विभिन्न राज्यों एवम क्षेत्र के यहां से तालीम हासिल करते है इसकी खैर खवाही रखना भी आपका अखलाकी फर्ज है। उन्होंने कहा की औरते परदे का खास खयाल रखे बाजारों में जाने से बचे अपने घर के मर्दों से सामान मंगवाए बेफुजूल बाजारों में न जाए युवा वर्ग अपने मां बाप का कहना माने बुरे कामों से बचे।
साउथ अफ्रीका से आए मेहमान ए खुसूसी मौलाना मो उमर अफ्रीकी,मौलाना अब्दुल लतीफ मौलाना रफीउज्जमा मुफ्ती अब्दुल सत्तार फ़ैज़ शेरवानी सैयद मो सालिम मौलाना अकील उर्र रहमान जिशान काजमी , शोबी खान समी खान नसीम राही अन्नू मियां शोएब कासमी सैयद वजाहत मियां शोयब खान अब्दुल रहमान सिद्दीकी माज सिद्दीकी शहर काजी सैयद शारीक हुसैन डा बरकतुल्लाह खान तोसीफ़ अली खान मौलाना अय्यूब मौलाना मुफ्ती रहीस निशात शेरवानी फरजान शेरवानी मौलाना बरकत उल्लाह अमीनी अजमत खान कैरानवी अन्नू रहीम मौलवी वाजिद अली खान बागपती कारी इनाम मोहसिन खान मौलवी आबिद हाफिज राशिद आदि शामिल रहे।
कार्यक्रम के अंत में विश्व प्रसिद्ध बुजुर्ग हजरत मौलाना मसीउल्ला खान शेरवानी के पोते मदरसे के प्रबंधक कारी वली उल्लाह खान शेरवानी ने बुखारी शरीफ में आए महिलाओं पुरुषो का शुक्रिया अदा किया और कौम व मुल्क में खुशहाली तरक्की अमन ओ अमान के लिए दुआ कराई।
जिशान काजमी
जलालाबाद शामली