शाह अलर्ट

(Shah Alert)

प्रतिदिन हज़ारों ट्रेन यात्रियों की ज़िम्मेदारी होती है इनके कंधों पर। मगर, देश के यातायात की ये रीढ़ सरकार की उपेक्षा और अन्याय का शिकार है – बिना उचित आराम और सम्मान के काम करने पर विवश हैं।

उनकी समस्याएं सुन कर उनकी आवाज़ बुलंद करने का आश्वासन दिया – पहले भी किया है, और न्याय मिलने तक करता रहूंगा।

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