अपर जिला अधिकारी वित्त राजस्व गजेन्द्र कुमार ने ट्रेनिंग में प्रशिक्षुओं को दिये टिप्स
मुजफ्फरनगर। दिनांक 30-12-2023 एडीएम वित्त एवं राजस्व गजेन्द्र कुमार ने कहा कि आपदा प्रबन्धन को लेकर सरकार द्वारा उचित कदम उठाये जा रहे हैं। गांवों में आपदाओं से निपटने के लिए समुदाय आधारित आपदा प्रबन्धन परियोजना चलाई जा रही है, जिसके लिए प्रशिक्षकों को तैयार किया जा रहा है, जो गांवों में जाकर न केवल ग्रामीणों को आपदाओं से निपटने की ट्रेनिंग देंगे, बल्कि गांवों का डाटा बेस भी तैयार करेंगे, ताकि आपदा आने पर खतरों को कम किया जा सके।
एडीएम गजेन्द्र कुमार लाल दयाल पब्लिक स्कूल में चल रही शनिवार को समुदाय आधारित आपदा प्रबन्धन प्रशिक्षण परियोजना फेज-2 के लिए ट्रेनरों की ट्रेनिंग के दौरान बोल रहे थे। यह कार्यक्रम टीसीएलएल (टाइम्स ग्रुप) के माध्यम से आयोजित किया गया है, जिसमें विभिन्न जनपदों से आए मास्टर ट्रेनों को आपदा में राहत के साथ सावधनियों, जागरूकता आदि के कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। एडीएम वित्त एवं राजस्व गजेंद्र कुमार ने कहा कि आपदा से बचाव के लिए सावधानी के साथ जागरूकता आवश्यक है। आपदा का कोई समय नहीं होता है और सावधानी व प्रबन्धन से ही आपदा के दौरान होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आपदाओं के प्रबन्धन के लिए कड़े कदम उठाये जा रहे हैं, जिसके चलते मुख्यमंत्री स्कूल सुरक्षा कार्यक्रम के तहत स्कूलों में जहां स्कूली बच्चोें को आपदाओं के प्रति जागरूक किया गया, वहीं स्कूलों का डेटा बेस भी तैयार किया गया, ताकि किसी आपदा के समय होने वाले नुकसान को कम किया जा सके। अब समुदाय आधारित आपदा प्रबन्धन योजना के तहत जनपद के पचास गांवों में ग्रामीणों को ट्रेनिंग देकर आपदाओं से बचाव का काम किया जायेगा साथ ही इन गांवों का डेटा बेस भी तैयार किया जायेगा। गांवों का डेटा बेस तैयार होने पर आपदाओं के दौरान राहत व बचाव कार्य को आसान किया जा सकेगा।
बता दें कि खतौली के लाल दयाल पब्लिक स्कूल में ट्रेनरों की ट्रेनिंग का कार्यक्रम 27 दिसम्बर से चल रहा है, जिसमें न केवल मुजफ्फरनगर, बल्कि लगभग 25 जनपदों से दस-दस ट्रेनर यहां पहुंचे हैं और आपदा प्रबन्धन की बारीकियों को सीख रहे हैं।
कार्यक्रम में लखनऊ से आए मास्टर ट्रेनर मनोज कुमार सिंह, काव्या शर्मा, गुरसिमरन द्वारा प्रशिक्षकों को आपदा प्रबन्धन की बारीकियां सिखाई। कार्यक्रम को सफल बनाने में देवेंद्र कुमार, दीपक गुप्ता, गुलजार आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा।