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कांग्रेस छोड़ने के सवाल पर अरशद राणा कहते हैं कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है और वहां एक वर्ग विशेष को निशाना बनाया जा रहा है, लेकिन संविधान की किताब लेकर चलने वाले राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वहां आवाज नहीं उठा पा रहे हैं।

मुजफ्फरनगर । उत्तर प्रदेश में उपचुनाव की जंग बेहद दिलचस्प होने वाली है। हर राजनीतिक दल इस जंग में खुद को साबित करने की कोशिश कर रहा है। दूसरी बात यह है कि यह जंग अपने वजूद के लिए भी याद की जाएगी और 27 में नई संभावनाओं के जन्म के लिए भी, क्योंकि इस उपचुनाव में सभी विपक्षी दल सत्ताधारी बीजेपी के खिलाफ लड़ रहे हैं। इस जंग के बीच एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बड़ा दांव खेला है। उन्होंने अपनी एआईएमआईएम से एक कांग्रेस नेता अरशद राणा को मीरापुर सीट से टिकट देकर मैदान में उतारा है, जिसे कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मीरापुर सीट से सुम्बुल राणा के टिकट की घोषणा की तो एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अरशद राणा को प्रत्याशी घोषित कर सबको चौंका दिया। ओवैसी ने अरशद राणा को प्रत्याशी घोषित कर सभी राजनीतिक दलों में हलचल मचा दी है।

कांग्रेस छोड़कर एआईएमआईएम से मीरापुर विधानसभा चुनाव लड़ने वाले अरशद राणा ने कांग्रेस से चरथावल विधानसभा चुनाव लड़ा।

आपको बता दें कि मीरापुर में अखिलेश यादव को चुनौती देने के लिए एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कांग्रेस को झटका दिया है. कांग्रेस नेता अरशद राणा ने राहुल गांधी से हाथ झटकने के बाद अब एआईएमआईएम के ओवैसी की पतंग में डोर बांधी है. मीरापुर उपचुनाव में अरशद राणा को अपना उम्मीदवार घोषित कर ओवैसी ने बड़ा दांव चला है.

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