मौलाना मदनी ने कहा कि संशोधन का उद्देश्य वक्फ संपत्ति की सुरक्षा नहीं बल्कि मुसलमानों को पूर्वजों की विरासत से वंचित करना है।
New Delhi
जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि वक्फ संशोधन बिल को लेकर संयुक्त संसदीय समिति के सदस्यों से व्यक्तिगत तौर पर मुलाकात कर उन्हें इसके दुष्प्रभाव बताए जा रहे हैं। मौलाना मदनी ने कहा कि संशोधन का उद्देश्य वक्फ संपत्ति की सुरक्षा नहीं बल्कि मुसलमानों को पूर्वजों की विरासत से वंचित करना है।
मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि मुसलमान शरीयत में हस्तक्षेप को कभी बर्दाश्त नहीं कर सकता। वक्फ संशोधन बिल को रोकने के लिए जमीयत कोई कोताही बरतना नहीं चाहती। इसीलिए वह संयुक्त संसदीय समिति के सदस्यों से मुलाकात कर रहे हैं और बिल के गलत और हानिकारक संशोधनों को चिह्नित किया रहा है। उन्हें यह भी बताया जा रहा है कि बिल पारित होने की स्थिति में मुसलमानों पर इसके क्या दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि इस संबंध में पिछले दिनों ही जमीयत उलमा महाराष्ट्र के प्रतिनिधिमंडल ने जेपीसी सदस्य म्हातरे बाल्य मामा (एनसीपी शरद पंवार) और अरविंद सावंत (शिवसेना) से मुंबई में मुलाकात की है। 20 अगस्त (आज) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके अस्टालिन से भी जमीयत सदस्य मिलेंगे। साथ ही एनडीए के सहयोगी दल तेलुगुदेशम, लोक जन शक्ति पार्टी और जेडीयू के नेताओं से भी भेंट की जाएगी। मौलाना मदनी ने कहा कि वक्फ संपत्तियों को लेकर बिल में कोई भी ऐसा संशोधन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिससे वक्फ की स्थिति या स्वभाव बदल जाए या फिर वे कमजोर हो जाए।